लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में से छूट व कर की गणना - सीए रघुवीर पूनिया


लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में से निम्नलिखित छूट मिलेंगी, उसके बाद धारा 112 व 112ए के अनुसार कर की गणना होगी।

 धारा 54 की छूट :- अगर रिहायशी मकान बेचकर रिहायशी मकान में इन्वेस्टमेंट।

धारा 54F की छूट :- रिहायशी मकान के अलावा अन्य कोई प्रॉपर्टी बेचकर रिहायशी मकान में इन्वेस्टमेंट।

धारा 54B की छूट :- कृषि भूमि को बेचकर कृषि भूमि में इन्वेस्टमेंट।

धारा 54EC की छूट :- भूमि एवं भवन बेचकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी या रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन या सरकार द्वारा नोटिफाइड अन्य बांड्स में इन्वेस्टमेंट।

धारा 54D :- किसी इंडस्ट्रियल undertaking के कंपल्सरी एक्वीजीशन से होने वाले लॉन्गटर्म कैपिटल गेन  को नए undertaking में इन्वेस्ट करने पर।

धारा 54EE :- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को भारत सरकार के स्टार्ट अप के लिए स्थापित फण्ड में इन्वेस्टमेंट करने पर छूट।
धारा 54GB :- लांग टर्म रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बेचकर उसके इन्वेस्टमेंट को सीधे स्टार्ट अप में निवेश पर छूट
धारा 54G :- इंडस्ट्रियल undertaking को अर्बन एरिया से बेचकर रूरल एरिया में शिफ्ट करने पर होने वाले कैपिटल गेन पर छूट।

नोट:- एक कॉमन मैन के धार 54, 54B, व 54F तीन तरह की  छूट काम आती हैं इसलिए इन तीन छूटों की गणना कैसे होगी,तथा छूट लेने के लिए क्या शर्तें पूरी करनी होंगी,  ये आगे की पोस्टों में आएगी। 

कर की दर:-इन छूटों को लेने के बाद बचे हुए लॉन्ग टर्म पर कर लगेगा।

धारा 112A के अनुसार:- शेयर्स या इक्विटी लिंक्ड म्यूच्यूअल फण्ड पर एक लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं। उससे अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10%की दर से टैक्स लगेगा।

 धारा 112 के अनुसार :-अन्य लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20% की दर से टैक्स लगेगा।
- सीए रघुवीर पूनिया, 9314507298
Share on Google Plus

About ITS INDIA - Popular Hindi Newspaper & Digital Media House.

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें